प्रियंका गांधी की गिरफ्तारी की भी निंदा की

मृतक किसानों के परिजनों से मिलने जा रहे थे पायलट

मुरादाबाद। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में किसान और भाजपा कार्यकर्ताओं की मौत के बाद उत्तर प्रदेश की राजनीति गरमा गई है । सभी राजनीतिक पार्टियां और उनके नेता लखीमपुर खीरी में पीड़ित परिवारों से मिलने पहुंच रहे हैं । लेकिन अभी बहुत ज़्यादा नेताओं को इसकी इजाजत नहीं है। राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम और पूर्व पीसीसी चीफ सचिन पायलट आज शाम जैसे ही दिल्ली लखनऊ नेशनल हाईवे संख्या 9 पर पहुंचे, तो पुलिस ने उन्हें आगे नहीं बढ़ने दिया।

सचिन पायलट ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि प्रशासन ने उन्हें नहीं जाने दिया उन्हें रोक लिया । वे भी लखीमपुर खीरी में पीड़ित किसानों से मिलने जा रहे थे। जिससे उनके आंसू पोंछे जा सके। लेकिन पुलिस ने रोक लिया है। हमारी नेता प्रियंका गांधी को भी 2 दिन तक गिरफ्तार रखा गया । जबकि वे भी पीड़ित किसान परिवारों से ही मिलने जा रही थी। ये सरकार की हरधर्मिता ही है। मुरादाबाद के जिला अधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि सचिन पायलट और अन्य कांग्रेसी नेताओं को मुरादाबाद को किसी अन्य स्थान पर ले जाकर बात की जाएगी। इसके बाद पुलिस ने सचिन पायलट को मुरादाबाद के थाना मुंडा पाड़ा इलाके में दलपतपुर टोल प्लाजा पर रोक लिया गया। जिलाधिकारी ने पायलट को बताया कि लखीमपुर में अभी हालत खराब है। माहौल गर्म है ,वैसे मै वहां जाने से माहौल बिगड़ सकता है। सरकार किसी भी नेता को वहां जाने से रोक रही है ,इसलिए आपको भी वहां नहीं जाने दिया जाएगा । इस दौरान पुलिस और पायलट के बीच बहस भी हुई । अन्य अधिकारियों के बीच बहस हुई ,लेकिन अधिकारियों ने उन्हें स्पष्ट तौर पर लखीमपुर खीरी जाने से रोक दिया । जिसके चलते सचिन पायलट पीड़ित किसानों से नहीं मिल सके और पुलिस ने उन्हें मुरादाबाद से ही बैरंग लौट दिया । पायलट ने पुलिस की इस कार्रवाई को अलोकतांत्रिक बताया है और कहा है कि विपक्ष का धर्म होता है, संकट के समय जनता के साथ खड़े रहना और वह भी कॉन्ग्रेस नेता के नाते वहां जाकर किसानों से उनका दुख दर्द बांटने की कोशिश करते लेकिन पुलिस ने और सरकार ने विपक्ष का ये अधिकार भी छीन लिया। इसकी सजा सूबे की जनता सरकार को देगी ।सरकार की तानाशाही ज्यादा नहीं चलने वाली।

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