सरकारी स्कूल के मास्टर बने हैवान

प्रिंसिपल और तीन मास्टरों के खिलाफ रेप का आरोप

4 नाबालिग छात्राओं ने एक साथ कराया मुकदमा दर्ज

दो शिक्षिकाओं ने दिया मास्टरों का साथ ,वीडियो बनाकर किया ब्लैकमेल

शिक्षकाओं के पति भी करते थे शराब पीकर रेप

अलवर। खबर अलवर के बहरोड़ कस्बे के मांडर थाना इलाके के छोटे से गांव से है । जहां के एक सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली 4 नाबालिग छात्राओं ने स्कूल के प्रिंसिपल सहित 9 मास्टरों और शिक्षिकाओं के खिलाफ गैंगरेप और छेड़छाड़ के तीन अलग-अलग मुकदमे दर्ज हुए हैं।

10 वीं की छात्रा से सालभर से हो रहा था गैंगरेप

गैंगरेप की पीड़िता छात्रा ने बताया कि स्कूल की अध्यापिका मनीषा यादव और अनिता कुमारी ने उसे परीक्षा में पास कराने, फीस देने ,फ्री में स्कूल ड्रेस और किताबें देने का लालच दिया। फिर दोनों मैडमें स्कूल के पास ही रहने वाले शिक्षक सुरेश मीणा के घर पर ले गई। वहां पहले से ही प्रिंसिपल जितेंद्र कुमार, अध्यापक राजकुमार और प्रमोद शराब पी रहे थे । यहां मैडम मनीषा ने कपड़े उतरवाए। चारों अध्यापकों ने मुझसे गलत काम किया। इस दौरान दोनों महिला शिक्षिकाओं ने वीडियो बनाया ,जब विरोध किया तो उन्होंने वीडियो वायरल करने और परीक्षा में फेल करने की धमकी दी । प्रिंसिपल ने कहा कि तुमने घर में कुछ बताया तो मेरा भाई मंत्री है ,मैं तुम्हें और तुम्हारे परिवार को मरवा दूंगा ।

शिक्षिका अनिता के पति और प्रिंसिपल के दोस्त ने किया रेप

इसके 10 दिन बाद शिक्षिका अनिता कुमारी के पति राजीव ओर प्रिंसिपल के दोस्त सतीश कुमार यह भी दूसरे स्कूलों में मास्टर है। स्कूल में आते रहते थे, इन्होंने भी गैंग रेप किया ।शिक्षक प्रमोद कुमार का ट्रांसफर हो गया लेकिन आखिरी बार दिवाली की छुट्टियों से पहले फिर गलत काम किया । इसके बाद मेरी स्कूल जाने की हिम्मत नहीं रही। जैसा पीड़ित ने पुलिस को बताया।

4 छात्राओं ने एक साथ कराए मुकदमे दर्ज

मांडन के थाना अधिकारी मुकेश यादव ने बताया कि एक पीड़ित छात्रा के पिता ने रिपोर्ट दर्ज कराई है कि वह ट्रक चलाता है। उसकी पत्नी मूक बधिर हैं । वह कई दिनों में घर आता है ।उसकी बेटी गांव के ही सरकारी स्कूल में दसवीं में पढ़ती है । इस बार जब वह घर आया तो पता चला बेटी स्कूल नहीं जा रही है । पूछने पर बेटी होने लगी और बताया कि स्कूल में प्रिंसिपल सर दूसरे अन्य मास्टर स्कूल की शिक्षिकाओं के पति और प्रिंसिपल के दोस्त उसके साथ 1 साल से गलत काम कर रहे हैं। मना करने पर जान से मारने की धमकी देते हैं ,गंदा वीडियो को वायरल करने की बात कहते हैं। इस मामले में महिला शिक्षकों ने भी शिक्षकों का सहयोग किया और गैंगरेप का वीडियो बनाया। जिसे वायरल करने की धमकी दी।

यादव ने बताया कि इसके अलावा भी कक्षा 6 ,4 और तीन की छात्राओं ने इसी स्कूल के शिक्षकों के खिलाफ छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज कराया है।हालांकि प्रिंसिपल जितेंद्र ने कहा कि मुझे मामले की जानकारी नहीं है, मुझे फंसाया जा रहा है।

स्कूलों में बच्चे नहीं है सुरक्षित

इससे पूर्व 17 दिसंबर 2020 को भी स्कूल की एक छात्रा ने एक शिक्षक पर दुष्कर्म और वीडियो वायरल करने हैं जान से मारने की धमकी देने और उसमें महिला शिक्षकों के सहयोग का आरोप लगाया था। उस मामले पर आरोपी सभी शिक्षकों को निलंबित कर दिया गया । पुलिस ने गिरफ्तार किया था । उसके बाद अब इस मामले में प्रिंसिपल ,3 अध्यापक दो अध्यापिकाओं के पति प्रिंसिपल के दोस्त सभी लोगों ने जिस तरह से नाबालिक बच्ची के साथ गलत काम किया है । वह दिल दहलाने वाला है । आखिरकार वह गुरु जिसे भगवान से भी ऊंचा दर्जा दिया जाता है। वह कैसे अपनी बेटियों के समान नाबालिक बच्चों से इस तरह का गलत काम कर सकता है, यह सोचने वाली बात है, कि हमारा नैतिक पत्नी कितना गिर चुका है वे सारी मर्यादा भूल जाते है। इस तरह असामाजिक तत्वों को बच्चों का भविष्य बनाने की जिम्मेदारी मिली हुई है ,क्यों नहीं सरकार इस तरह के लोगों को निलंबित कर उन्हें कड़ी सजा देती। सरकार ने अब तक इन सभी आरोपियों को निलंबित किया क्यों नहीं किया? पुलिस ने इन सभी लोगों को गिरफ्तार क्यों नहीं किया। क्योंकि यदि जो लोग खुले में रहेंगे तो पीड़िता और उनके परिजनों को धमकाने और लोभ लालच देकर उनको इसे मुकदमे वापस लेने का दबाव भी बना सकते हैं । जबकि पुलिस और सरकार को चाहिए कि इस तरह के दरिंदों को बेनकाब करके उन्हें सार्वजनिक करना चाहिए और कड़ी से कड़ी सजा भी देनी चाहिए । जिससे लोग इस तरह का आचरण नहीं करें। जिन शिक्षिकाओं ने इसमें भागीदारी निभाई है उनके खिलाफ भी निलंबन के साथ-साथ उनकी गिरफ्तारी भी होनी चाहिए। क्योंकि परिजन जब स्कूल में शिक्षिकाएं होती है तो उन पर भरोसा करके बच्चे को पढ़ने भेजते हैं, लेकिन जब शिक्षिकाएं भी इस तरह के पाप में भागीदार बन जाए तो फिर भरोसा किस पर किया जाए!

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published.