जयपुर मंत्री राजस्थान के जलदाय मंत्री डॉ महेश जोशी ने राजस्थान विश्वविद्यालय के जूलॉजी विभाग में आज गोरखपुर के चर्चित डॉक्टर कफील खान की किताब गोरखपुर अस्पताल त्रासदी का विमोचन किया इस मौके पर डॉ.सतीश राय, डॉ विनोद शर्मा, मोहम्मद इकबाल ,सुनील पेरवानी क्रिकेटर मोहम्मद असलम अन्य अथिति भी मौजूद रहे।

कफ़ील खान ने 10 अगस्त 2017 और उसके बाद घटनाक्रम को दिया किताब का रूप

डॉक्टर कफील खान ने बताया कि यह पुस्तक 10 अगस्त 2017 की शाम को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में सरकारी बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज के नेहरू अस्पताल में लिक्विड ऑक्सीजन खत्म होने के बाद हुई मौतों और लोगों के जीवन बचाने के बाद तो का संकलन है। कपिल ने बताया कि अस्पताल में 63 से ज्यादा बच्चों और और 18 व्यस्क लोगों की ऑक्सीजन की कमी से मौत हो गई। कॉलेज के बाल रोग विभाग में वे सबसे जूनियर थे उसके बावजूद उन्होंने एक डॉक्टर का धर्म निभाते हुए ऑक्सीजन की व्यवस्था की और अन्य कर्मचारियों के साथ मिलकर अस्पताल में मरीजों का इलाज करने लगे, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को बचाया जा सके। जैसे ही गैस त्रासदी की खबर ने सबका ध्यान खींचा। खान को संकट के आपातकालीन स्थिति का नियंत्रण करने और बच्चों को लगातार बचाने के प्रयास को देखते हुए होने आसपास में अस्पताल का हीरो कहा जाने लगा। लेकिन यह बात कुछ लोगों को हजम नहीं हुई और उन्होंने उनकी झूठी शिकायत में आधार पर उन्हें अस्पताल से निलंबित कर दिया गया । अस्पताल ने उनके साथ नो अन्य व्यक्तियों को भी भ्रष्टाचार और चिकित्सा में लापरवाही करने से गंभीर आरोपों के लिए निलंबित किया। उन्हें मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया। यह किताब गोरखपुर अस्पताल त्रासदी कि भयानक रात की घटनाओं और उसके बाद हुई घटनाओं का विवरण है। कफ़ील खान का 4 साल का निलंबन, 500 दिन की लंबी कैद और न्याय के लिए अथक संघर्ष का विवरण कफील खान ने इस पुस्तक में किया है। सभी ने डॉ कफ़ील के संघर्ष को सलाम किया और उन्हें किताब लिखने पर बधाई दी।

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