जयपुर । राजस्थान में किसानों की बैंकों द्वारा लोन के विरोध में जमीन कुर्क करने और नीलामी करने को लेकर राजस्थान सरकार और राजस्थान राजभवन आमने-सामने हो गया है । जहां किसानों ने आज राज्यपाल पर रोड़ा एक्ट रोकने का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया इसके बाद राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में बताया गया कि कृषि भूमि नीलामी के संबंध में रोड़ा एक्ट में संशोधन का कोई विधेयक राजभवन में नहीं आया है। वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में बताया गया कि सत्य यह है कि राजस्थान सरकार ने 2 नवंबर 2020 को दीवानी प्रक्रिया संहिता सीपीसी की धारा 60 (1) b के परंतुक में संशोधन किया था, जिससे 5 एकड़ जमीन पर केसीसी ऋण लेने पर एवं नीलामी पर रोक लग जाती परंतु अभी तक राजभवन में विचाराधीन है।

गहलोत ने भी कहा था कि राज्यपाल ने अटकाया बिल

आपको बता दें कि कुछ दिनों पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी एक बयान जारी कर कहा था कि राजस्थान सरकार ने किसानों के 5 एकड़ तक जमीन तक नीलामी और कुकी पर रोक लगाने के आदेश को लेकर कहा था 2नवंबर 2020 को विधानसभा से राज्यपाल महोदय के पास रोड़ा विधेयक भेजा था, जो अभी तक भी विचाराधीन है ।यदि यह कानून बन जाता तो किसानों को यह दिन देखना नहीं पड़ता। ऐसे में राजभवन की ओर से आज जो बयान आया उसमें उन्होंने इस तरह के बिल आने से ही इंकार कर दिया। राजभवन और मुख्यमंत्री आवास से आये दोनों बयानों में विरोधाभास देखा जा रहा है, ऐसे में यह समझ से बाहर की आखिरकार सच कौन बोल रहा है? लेकिन इस चक्कर मे सरकार का नुकसान जरूर हो रहा है।

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