जयपुर ।ऑल इंडिया दलित यूथ अलायंस एवं समग्र दृष्टि द्वारा राजस्थान विश्वविद्यालय के लाइफ लोंग लर्निंग विभाग में आधुनिक दलित इतिहास के निर्माता विषय पर व्याख्यान एवं परिचर्चा आयोजित की गई। मुख्य वक्ता पटना विश्वविद्यालय के सहायक आचार्य डॉक्टर गुरु प्रकाश पासवान थे । पासवान ने कहा कि दलित चिंतकों का उत्तरदायित्व है कि वह भुला दिए गए महानायकों को समाज के समक्ष उभार कर लाएं। महानायकों की प्रेरणा से समाज में आत्मसम्मान का बोध विकसित होता है। यह बोध समाज में उन्नति का मार्ग प्रशस्त करता है। 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान तत्कालीन रक्षा मंत्री बाबू जगजीवन राम की रणनीतिक महत्वपूर्ण भूमिका रही, किंतु उनकी भूमिका का उल्लेख देखने को नहीं मिलता ।उनके नाम सबसे लंबे संसदीय कार्यकाल का रिकॉर्ड है । दलित वर्ग के सामने आ रही विभिन्न चुनौतियों को स्वीकार करना पड़ेगा। आंखें मूंद लेने से समाधान नहीं हो सकता है । अपने अधिकारों को सकारात्मकता एवं संवेदनशीलता के साथ मांगना होगा। कार्यक्रम की प्रस्तावना रखते हुए सहायक आचार्य डॉ सुनील कुमार खटीक ने कहा कि दलित को फलित और फलित से प्रफुल्लित बनाने की आवश्यकता है। इसके लिए दलित वर्ग में आत्मविश्वास की आवश्यकता है । हमें विविध क्षेत्रों में पहल करनी चाहिए। समाज को समरसता की पहल करते हुए मुख्यधारा में दलित वर्ग का अभिनंदन करना होगा। अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए राजस्थान विद्यालय की सहायक आचार्य सुमन मौर्य ने कहा कि हमें भारतीय संविधान की प्रस्तावना हम भारत के लोग, हमारी संस्कृति की एकजुटता का परिचय करवाना है। हमें इसे महसूस करते हुए हर तरह के भेद को खत्म करते हुए आगे बढ़ना चाहिए । कार्यक्रम में प्रोफेसर राजीव सक्सेना, प्रो. प्रवीण शर्मा, प्रो. अनुराग शर्मा, डॉक्टर के सी डीगवाल, डॉ प्रवीण मोहिल, डॉक्टर संजय कुमार, डॉ. अमित कोटिया, मुकेश किराड़, भवानी शंकर बोलीवाल , सुखदेव डांगी, अनिल खटीक एवं अन्य शोधार्थी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन अभिषेक चावला और धन्यवाद डॉक्टर कानाराम रैगर ने दिया।

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