नई दिल्ली। कांग्रेस के सांसद अधीर रंजन चौधरी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति के स्थान पर राष्ट्रपत्नी कहकर संबोधित किया। ये शब्द किसी भी महिला के लिए अपमानजनक हो सकता है। इसे जूबान फिसलना भी नहीं कहा जा सकता है। ये जानबुझकर एक महिला राष्ट्रपति का अपमान है। जिसको लेकर संसद से सड़क तक लोगों का आक्रोश देखा जा रहा है। हालांकि अधीर रंजन चौधरी ने इसके लिए सदन में माफी मांग ली। लेकिन साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि बंगाली भाषी होने के कारण ऐसा हो गया। जिसकी माफी मांग ली। अब फांसी चढ़ा दो। उऩकी ये भाषा दंभ की भाषा है। देश में पहली बार कोई आदिवासी परिवार की महिला राष्ट्रपति पद पर आसीन हुई है। उनका सम्मान करने के बजाए उनके खिलाफ इस तरह की भावना रखना ये अधीर रंजन चौधरी की महिला विरोधी मानसिकता का प्रतीक है। सदन में चौधरी के इस बयान की निंदा हो रही है। दरअसल जब एक दिन पूर्व कांग्रेस सांसद राष्ट्रपति भवन जा रहे थे जिन्हें रोक लिया गया। तब मीडिया के साथी ने पूछा आप राष्ट्रपति भवन जा रहे थे। तब रंजन बोले राष्ट्रपति भवन जा रहे थे आज भी जाएंगे। राष्ट्रपत्नी सबके लिए है। हमारे लिए भी। बस इसी बयान को लेकर देशभर में बवाल कट रहा है।

विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी को बर्खास्त करने और सोनिया गांधी से चौधरी के लिए कांग्रेस पार्टी की ओर से माफी मांगने की मांग कर रहे है। कांग्रेस पार्टी को चाहिए की वो इस मुद्दे पर न केवल अधीर रंजन चौधरी से माफी मंगवाए, अपितु पूरी पार्टी की तरफ से भी सदन में सोनिया गांधी को माफी मांगनी चाहिए। नहीं तो कांग्रेस पार्टी को इसका देशभर में खामियाजा भुगतना पड़ेगा। बीजेपी की सांसदों के साथ अऩ्य पार्टियों के सांसदों ने भी इस बयान की निंदा की है।

बसपा प्रमुख मायावती ने भी ट्वीट कर अधीर रंजन चौधरी के इस बयान को दलित आदिवासी और महिला विरोधी बताया है। मायावती ने कहा कि ये चौधरी नहीं कांग्रेस पार्टी की सोच रही है। जिसने हमेशा दलित आदिवासियों के वोट लिए लेकिन सिर्फ वोट बैंक बनाकर रखा। कांग्रेस को रंजन चौधरी को बर्खास्त कर देना चाहिए।

वित्त मंंत्री निर्मला सीतारमण ने भी इस बयान को जानबूझकर राष्ट्रपति का अपमान करने वाला बताया। कहा पार्टी को उसके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। स्मृति ईरानी ने भी इसे देश की राष्ट्रपति का अपमान बताया। इसके लिए कांग्रेस पार्टी को माफी मांगनी चाहिए।

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