गुजरात। मोरबी में पैदल यात्रियों के लिए बना पुल रविवार रात को टूट गया और इस हादसे में करीब 134 लोगों की दर्दनाक मृत्यु हो गई। बताया जा रहा है कि यह पुल खोले जाने के महज 5वें दिन ही टूट गया। जिससे हादसा हुआ उस पर करीब 500 लोग थे जो पुल टूटते हैं नदी में जा गिरे। मृतकों में महिलाएं और 30 से ज्यादा बच्चे शामिल हैं । 22 ब्रिज की केबल जाली थामे रहे लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया। लेकिन उसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कोई कार्यवाही होगी। क्या उन्हें कड़ी सजा मिलेगी ?

मोरबी पुल करीब 142 साल पुराना है पुल की चौड़ाई सवा मीटर लगभग 4:30 फीट है। एक समय में एक साथ दो लोग आमने सामने से गुजर सकते हैं। उसकी लंबाई 233 मीटर 765फीट है जिसमें यदि 500 लोग साथ-साथ खड़े हो तो सब लोग एक दूसरे से टच करके दिखा देंगे। ये लगभग 6 माह से बंद था और पुल का रिनोवेशन का काम चल रहा था। गुजरात विधानसभा चुनाव की घोषणा की एक-दो दिन बाद 26 अक्टूबर से उसे खोला गया । कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि सरकार ने सिर्फ चुनावी लाभ उठाने के लिए इसे खोला था। हादसे के लिए घर कंपनी जिम्मेदार है जिसे इसका काम दिया गया था अधिकांश राजनीतिक दलों ने पूरे प्रकरण की जांच की मांग की है

क्षमता से 5 गुना ज्यादा लोग थे पुल पर सवार

कंपनी कमाई के लालच में ₹14 का टिकट 400 लोगों को भेज दिया और सभी लोग एक साथ ब्रिज पर जा पहुंचे । पुल की क्षमता 100 लोग हैं। ऐसे में कंपनी ने ज्यादा प्रॉफिट कमाने के लिहाज से एक साथ इतने लोगों को पुल पर अलाव कर दिया यही हादसे का बड़ा कारण बना।

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