उदयपुर। उदयपुर ओढ़ा पुल पर रेलवे की पटरियों को ब्लास्ट करने के मामले में पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। एसओजी के एटीएस के एडीजी अशोक राठोड़ ने बताया कि इस मामले में मुख्य आरोपी मूल चंद मीणा सहित तीन युवकों को गिरफ्तार किया गया है। मीणा ने बताया कि उनकी खेती की जमीन को रेलवे ने अधिग्रहित किया था लेकिन लंबे समय से उन्हें जमीन का मुआवजा नहीं मिला था। जिसके चलते उसने रेलवे ट्रेक को डिटोनेटर से उड़ाने की सोची। मीणा को घटनास्थल के पास के ही गांव से गिरफ्तार कर लिया गया है। एक नाबालिग को भी निरुद्द किया गया। राजस्थान एटीएस ने इस मामले में सराहनीय कार्य किया। रेल पटरी उड़ाने के लिए 90 डेटोनेटर का प्रयोग किया था। सभी आरोपी जावर माइंस के रहने वाले है। उन्हें पता था कि डेटोनेटर के प्रयोग से रेल की पटरियां उड़ सकती है। रेलवे पुलिस , स्थानीय लोगों और से मामले को सुलझाने में एटीएस को काफी सहयोग मिला। पूरी घटना को आतंकी साजिश के तौर पर प्रचारित करने का काम किया गया लेकिन इस घटना से आतंकी संगठनों का दूर- दूर तक कोई लेना- देना नहीं है। लेकिन यदि समय रहते रेलवे प्रशासन सचेत नहीं रहता तो बड़ा हादसा हो सकता था। एटीएस अभी भी आरोपियों से पूछताछ कर रही है।

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