गंगापुर सिटी। कई बार कुछ लोगों के कर्मों से इंसानियत तार- तार हो जाती है। ऐसा ही मामला सामने आया है गंगापुर सिटी का। जहां ट्रेन की चपेट में आने तीन दिन पूर्व हुए दो अलग- अलग हादसों में एक महिला और एक पुरुष की मृत्यु हो गई। दोनों की पहचान नहीं हो सकी। जीआरपी ने दोनों के शवों को स्थानीय चिकित्सालय की मोर्चरी में रखवाया। लेकिन दोनों की शिनाख्त नहीं होने पर दोनों के पोस्टमार्टम कर शव अंतिम संस्कार के लिए नगर परिषद को दे दिए गए। यहां नगर परिषद कर्मचारियों के कृत्य से मानवता पूरी तरह से शर्मसार हो गई। परिषद कर्मचारियों ने दोनों शवों को कचरा परिवहन करने वाली ट्रैक्टर ट्रोली में रखा और शमसान घाट ले जाकर दोनों का अंतिम संस्कार कर दिया। जबकि प्रशासन को चाहिए था कि वे दोनों की सही तरीके से अंतिम संस्कार करते है। दोनों की पहचान हिंदू धर्म के व्यक्तियों के तौर पर हुई थी। स्थानीय लोगों का कहना है कि नगर परिषद कर्मचारियों की लापरवाही से अज्ञात शवों के साथ इसी तरह दुर्गती की जाती है। जबकि सरकार लावारिश शवों के दाह संस्कार के लिए पूरा पैसा नगर परिषद को देती है। इसके बावजूद नगर परिषद कर्मचारियों का ये कृत्य मानवता को शर्मसार करने वाला है। इसके लिए स्थानीय विधायक रामकेश मीणा ने भी विरोध जताया है। सामाजिक संगठनों ने भी लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

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