जयपुर। राजस्थान की बेटी प्रिया सिंह मेघवाल ने थाईलैंड की राजधानी पटाया में आयोजित हुई 39 वें अंतर्राष्ट्रीय महिला बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीतकर प्रदेश का नाम रोशन किया है । आपको बता दें कि इससे पहले भी प्रिया सिंह ने तीन बार मिस राजस्थान 2018-19 भी और एक बार इंटरनेशनल खिताब अपने नाम किया है । प्रिया ने बताया कि एक महिला को बॉडी बनाने में शुरू से ज्यादा ङाइट और मेहनत लगानी पड़ती है । ऐसे में उनके परिवार ने उनका साथ दिया। जिसकी वजह से वह आज सफल जिम ट्रेनर है। दो बच्चों की मां प्रिया सिंह घर और जिम दोनों में बैलेंस बनाकर चलती है । उनकी बेटी और पति हमेशा सपोर्ट करते हैं। 8 साल की उम्र में शादी में गई थी। जिम में काम करने का फैसला लिया। उन्होंने नौकरी के लिए अप्लाई किया । नौकरी जहां उनकी पर्सनल्टी को देखते हुए उन्हें दी गई। इसके बाद दूसरों को जब मैं ट्रेनिंग देने लगी। ट्रेनिंग देते रहते कुछ भी बॉडीबिल्डिंग करने लगी। इस दौरान खुशियों में बैठ गया कि महिलाओं की भी बॉडीबिल्डिंग की प्रतियोगिता होती है और वे उन्हें इस बार स्टेज पर उतारेंगे। उसके बाद उसने दिन रात मेहनत की और एक के बाद एक करके उसको सफलता मिलती गई । हालांकि प्रिया सिंह का कहना है कि महिला बॉडी बिल्डरों को आज भी सही नजर से नहीं देखा जाता जबकि बॉडीबिल्डर का कॉस्टम की बिकनी होता है का कहना था कि अभी भी महिला बॉडीबिल्डर को उस नजर से नहीं देखा जाता है

सरकार की तरफ से नहीं मिला प्रोत्साहन

राजस्थान सरकार खिलाड़ियों के लिए बड़े-बड़े दावे कर रही है और बड़ी-बड़ी घोषणा करती है। लेकिन यह दावे और घोषणाएं सिर्फ कुछ चुनिंदा खिलाड़ियों के लिए है। जो सरकार के अधिकारियों के पसंद के होते हैं। उन्हें सरकार मालामाल कर देती है । लेकिन प्रिया सिंह जैसी खिलाड़ी सरकार की मदद को तरस जाती है। उनका कहना था कि थाईलैंड में बॉडीबिल्डिंग का कंपटीशन जीतने के बाद अभी तक राजस्थान सरकार की तरफ से किसी भी अधिकारी या नेता की तरफ से कोई संदेश नहीं आया है। हालांकि उन्होंने यह बात नहीं छापने के लिए कही थी। लेकिन प्रिया सिंह जैसी महिलाओं को प्रोत्साहित किया जाना जरूरी है । प्रिया सिंह एससी वर्ग से आती है, जहां महिलाओं की शिक्षा का प्रतिशत बहुत कम है। बॉडीबिल्डिंग जैसे क्षेत्र में जाना तो एक दिव्य संपन्न के बराबर है। लेकिन इसके बावजूद प्रिया सिंह ने मेहनत करके यह मुकाम हासिल किया है, जो बड़ी बात है । लेकिन राजस्थान सरकार को भी कम से कम प्रिया सिंह के बारे में जरूर सोचना चाहिए। उन्हें भी दूसरे खिलाड़ियों की तरह ही प्रोत्साहन राशि और सरकारी सेवा मिलने चाहिए। जिससे प्रिया सिंह का हौसला बढ़ सके

प्रिया को नहीं मिला उचित सम्मान

प्रिया ने बताया कि आज वह जो कुछ भी है सोशल मीडिया और मीडिया की ही देन है यदि मीडिया शुरू से ही उसे प्रोत्साहित नहीं करता। शायद वह आज इस मुकाम पर नहीं पहुंचती ।लेकिन उनका कहना था कि उन्होंने थाईलैंड में यह प्रतियोगिता जीती। जहां पर बहुत सारी देश की महिलाओं पार्टिसिपेट किया और उन महिलाओं के बीच में उन्होंने यह मुकाम हासिल किया। इसके बावजूद जयपुर पहुंची तो उनके स्वागत के लिए उनके परिवार के और एसएससी वर्ग के लोगों के अलावा कोई भी नहीं था। इस तरह से किसी खिलाड़ी की उपेक्षा किया जाना उचित नहीं है। सोशल मीडिया के माध्यम से ही उन्हें लोग शुभकामनाएं दे रहे हैं।

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