दलित की बेटी के विवाह के मामले में आया नया मोड़

विवाह की आड़ में जमीन पर कब्जा करने की नियत

जमीनी विवाद में राजस्व विभाग का फैसला राजपूत परिवार के पक्ष में

पीड़ित परिवार ने राजपूत समाज के आरोपों को नकारा

दौसा । जिले के  लालसोट के पास चांदवास में कथित रूप से दबंगों द्वारा एक शादी में अड़चन पैदा करने का आरोप लगाकर राज्यसभा सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने मुख्य सचिव उषा शर्मा से मुलाकात की थी और उषा शर्मा ने भी बगैर किसी अड़चन के पीड़िता का विवाह कराने का आश्वासन दिया था । जब यह जानकारी मीडिया सहित अन्य लोगों को मिली तो सबने इसको प्राथमिकता से लिया और क्योंकि यह मामला डॉक्टर किरोडी लाल मीणा ने उठाया था, इसलिए सुर्खियां भी बनी । लोगों को लगा कि कहीं न कहीं अन्याय हो रहा है । डॉक्टर किरोड़ लाल मीणा ने भी खुलकर कहा कि 2 साल पहले भी उन्होंने इसी परिवार की दो बेटियों का विवाह करवाया था ।लेकिन अब आरोपी परिवार ने डॉक्टर किरोडी लाल मीणा के आरोपों को नकार दिया है । उनका कहना है कि आरोपी परिवार और उनकी जमीन  पास -पास है ,पीड़ित परिवार ठाकुर परिवार की जमीन पर कब्जा करना चाहता है । खड़ी फसल को काटकर वहां पर शादी का टेंट लगाने के नाम पर स्थाई कब्जे की योजना है । इसका वह विरोध कर रहे हैं और इस जमीन को लेकर राजस्व विभाग में भी कई सालों से केस चल रहा था , जिसे भी वह जीत चुके हैं। अब अधूरी जानकारी देकर डॉ किरोड़ी लाल मीणा को आगे किया गया है। जिन्होंने इसे सही मानते हुए प्रशासन पर दबाव बनाया, इसके बाद पीड़ित परिवार ने श्री राजपूत सभा के अध्यक्ष राम सिंह चंदलाई से संपर्क किया।  जिला प्रशासन से संपर्क किया और उन्हें तमाम बातों से अवगत कराया। 

राजपूत समाज के अध्यक्ष रामसिंह चंद्रलाई ने राज्यसभा सांसद डॉक्टर किरोडी लाल मीणा से इस पूरे मामले से अवगत कराया । और बताया कि किस तरह से यह परिवार गरीब और दलित बनकर गरीब राजपूत परिवार की जमीन पर कब्जा करना चाहता है।  क्योंकि उस गांव में दोनों ही परिवारों की संख्या सीमित है, दोनों का लंबे समय से मामला कोर्ट कचहरी में भी चल रहा है, ऐसे में गलत जानकारियों के आधार पर उन्होंने डॉ किरोड़ी लाल मीणा गुमराह किया है । डॉक्टर मीणा का अपना एक कद है, जिसके चलते प्रशासन भी उनकी बात मान लेता है।  चंदलाइ ने राज्य सरकार से मामले की निष्पक्ष जांच करने की मांग की है । साथ ही कहा कि इस मामले की निष्पक्ष जांच की जाए, क्योंकि कहीं ना कहीं शादी की आड में यह परिवार जमीन पर कब्जा करना चाहता है । जिस जमीन पर राजस्व विभाग ने फैसला राजपूत परिवार के पक्ष में दिया है । चंदलाई ने कहा कि पीड़ित परिवार कुम्हार समाज से आता है। जबकि उन्होंने किरोड़ी लाल मीणा को अपने आप को दलित समाज का बताकर पेश किया है।  राजपूत परिवार भी गरीब परिवार है ,उसकी भी आर्थिक स्थिति नहीं अच्छी नहीं है और दबंगई का तो सवाल ही नहीं है । ऐसे में राजपूत समाज इन आरोपों से काफी आहत हुआ है।  और उन्होंने अपना विरोध दर्ज कराया है कि जब तक मामले की सच्चाई की जानकारी नहीं हो तब तक इस तरह किसी भी समाज को बदनाम नहीं करना चाहिए ।  मामला जमीनी विवाद का भी है और बताया जा रहा है कि दोनों ही परिवारों के बीच एक ही समान धंधे को लेकर भी लड़ाई है।

पीड़ित परिवार ने जमीन पर कब्जे के आरोपों को नकारा

वही पीड़ित परिवार का कहना है कि जमीन पर कब्जे का कोई मामला नहीं है। हम तो सिर्फ यह चाहते हैं कि विवाह का सामान हमारे घर तक पहुंचे। घर के बाहर टेंट लग जाए और हम शादी शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न करा दे। कलेक्टर एसपी ने वहां पुलिस तैनात कर दी है लेकिन सामान नहीं पहुंचा है। अब जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगाकर हमें बदनाम किया जा रहा है, यह सरासर गलत है हम सिर्फ विवाह करना चाहते हैं और इसके लिए हमारे घर तक सामान पहुंचे और टेंट आदि लग सके।

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