जयपुर। जयपुर में एनेस्थेसिया विशेषज्ञों की तीन विवसीय कॉन्फ्रेंस संपन्न हुई। आयोजन सचिव डॉ वंदना मंगल व चेयरपर्सन डॉ सुशील भाटी ने बताया कि कॉन्फ्रेंस के प्रथम दिन महात्मा गाँधी अस्पताल में कार्यशाला का आयोजन किया गया। इनमे विशेषज्ञों द्वारा लाइफ सपोर्ट, सोनोग्राफी से नर्व ब्लॉक करने व सिम्युलेटर आदि तकनीकों का प्रायोगिक ज्ञान दिया गया।
कॉन्फ्रेंस का दूसरा चरण बिरला ऑडिटोरियम में आयोजित किया गया। उद्घाटन सत्र को चीफ गेस्ट डॉ अरुणा वी वाणीकर, विशिष्ट अतिथि डॉ सुधीर सचदेव, ISA सेक्रेटरी डॉ नवीन मल्होत्रा व डॉ तर्लिका, डॉ ललित, डॉ गीता आदि ने संबोधित किया।
इस कॉन्फ्रेंस में देश-विदेश के एनेस्थीसिया चिकित्सक शामिल हुए। जानकारी मिली कि आज एनेस्थीसिया की तरक्की के कारण ही जटिल शल्य क्रियाएँ संभव हो सकी हैं। एनेस्थीसिया विशेषज्ञ हर बड़े अस्पताल की रीढ़ हैं। उनकी सेवाओं का विस्तार ऑपेरशन थिएटर ही नहीं बल्कि उसके बाहर आपातकालीन सेवाओं, आई सी यू व पेन क्लिनिक तक हो गया है।
महात्मा गांधी मेडिकल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ सुधीर सचदेव ने डॉ थाटे स्मृति व्याख्यान में जीवन एक दृष्टि विषय पर बोलते हुए मानव जीवन में उसकी अंतर्चेतना के विस्तार के महत्व को गीता के कर्मयोग, ज्ञान योग तथा भक्ति योग सिद्धांत के माध्यम से समझाया।
डॉ रविन्द्र सिसोदिया ने जानकारी दी कि कॉन्फ्रेंस में डॉ अवनीश भारद्वाज को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया।