उदयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा है कि राज्य सरकार योजनाओं, कार्यक्रमों तथा नवाचारों को केवल प्रारंभ ही नहीं करेगी, बल्कि समयबद्ध रूप से उन्हें पूरा भी करेगी। उन्होंने कहा कि झीलों की नगरी उदयपुर में वर्ष पर्यन्त पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए देवास तृतीय एवं चतुर्थ परियोजना की शुरूआत की गई है। इससे उदयपुर की पेयजल की मांग पूरी होगी।


शर्मा शुक्रवार को उदयपुर के गोगुंदा में देवास परियोजनाः तृतीय व चतुर्थ बांध एवं टनल निर्माण कार्य के शिलान्यास कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार द्वारा राज्य में पेयजल आपूर्ति के लिए प्राथमिकता से कार्य किया जा रहा है। हाल ही में हुए ईआरसीपी तथा ताजेवाला हैडवर्क्स के ऐतिहासिक एमओयू से पूर्वी राजस्थान तथा शेखावटी अंचल में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी। इन योजनाओं को धरातल पर लाने का कार्य भी प्रारंभ कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने दो माह के अल्प कार्यकाल में महिलाओं को 450 रुपए में गैस सिलेण्डर, किसानों के लिए पीएम किसान सम्मान निधि 6 हजार रुपए से बढ़ाकर 8 हजार रुपए करने जैसे निर्णय किए हैं। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार द्वारा जनता से केवल थोथे वादे किए जाते थे, जबकि हमारी सरकार संकल्प पत्र में किए गए प्रत्येक वादे को समय से पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है।
युवा, किसान, महिला तथा गरीब कल्याण सरकार की प्राथमिकता है।


शर्मा ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार गरीब कल्याण की योजनाओं को धरातल पर क्रियान्वित कर रही है। केन्द्र सरकार द्वारा युवा, किसान, महिला तथा गरीब के कल्याण को प्राथमिकता देते हुए उन्हें सशक्त बनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री भारत को दुनिया का बड़ा वेडिंग डेस्टिनेशन बनाने की भावना रखते हैं और इस दिशा में उदयपुर एक प्रमुख वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में उभरा है। उन्होंने बताया कि बांसवाड़ा के द्वीपों को भी पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। साथ ही, इस वर्ष के बजट (लेखानुदान) में महाराणा प्रताप टूरिस्ट सर्किट के लिए 100 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।


44 माह में परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि उदयपुर में आबादी के बढ़ने के साथ वर्ष 2031 तक हर साल 2 हजार 397 मिलियन घन फीट तथा वर्ष 2036 तक 2 हजार 613 मिलियन घन फीट पेयजल की जरूरत होने का अनुमान है। जबकि वर्तमान में इस क्षेत्र में सालाना 1 हजार 738 मिलियन घन फीट पेयजल ही उपलब्ध है। पेयजल आपूर्ति की इस मांग को पूरा करने के लिए देवास तृतीय और चतुर्थ परियोजना शुरु की गई है। उन्होंने बताया कि देवास तृतीय परियोजना के तहत गोगुंदा तहसील के नाथियाथाल गांव के निकट 703 मिलियन घन फीट क्षमता के देवास तृतीय बांध का निर्माण करवाया जाएगा। इससे 11.04 किलोमीटर लंबी सुरंग का निर्माण कर आकोदड़ा बांध में पानी लाया जाएगा। आकोदड़ा बांध से पिछोला झील में जल अपवर्तन होगा।
उन्होंने बताया कि देवास चतुर्थ परियोजना में गोगुंदा तहसील के अंबावा गांव के निकट 390 मिलियन घन फीट क्षमता के देवास चतुर्थ बांध का निर्माण किया जाएगा। इसे 4.3 किलोमीटर सुरंग का निर्माण कर देवास तृतीय बांध से जोड़ दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि करीब 1 हजार 690 करोड़ की परियोजना को 44 माह में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इससे 1 हजार मिलियन घनफीट जल उदयपुर शहर की झीलों में पहुंचाया जा सकेगा। इससे ये ऐतिहासिक झीलें पूरे साल भरी रहेंगी। उन्होंने आश्वस्त किया कि जिन किसानों की जमीन डूब क्षेत्र में आयेगी उन्हें अन्यत्र जमीन का पट्टा दे दिया जाएगा।
इस अवसर पर शर्मा ने मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान 2.0 के पोस्टर का विमोचन तथा गोगुंदा के राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान का लोकार्पण भी किया। उन्होंने देवास परियोजना के तृतीय एवं चतुर्थ चरण के मॉडल का अवलोकन भी किया।

महाराणा प्रताप राजतिलक स्थली के दर्शन किए


इससे पहले मुख्यमंत्री ने गोगुंदा पहुंचकर महाराणा प्रताप की राजतिलक स्थली के दर्शन किए और मंशापूर्ण नीलकंठ महादेव मन्दिर में विधिवत पूजा अर्चना कर प्रदेश की खुशहाली एवं सुख-समृद्धि की कामना की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने वृक्षारोपण भी किया।
इस अवसर पर असम के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया, जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री कन्हैयालाल चौधरी, जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत, जनजातीय क्षेत्रीय विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी, राजस्व मंत्री हेमंत मीणा, सांसद सीपी जोशी, चुन्नीलाल गरासिया, विधायक प्रताप लाल गमेती, ताराचंद जैन, उदयलाल डांगी, फूलचंद मीणा, अमृतलाल मीणा, सुरेन्द्र सिंह राठौड़ सहित स्थानीय जनप्रतिनिधिगण तथा बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित रहे।

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