जयपुर। झुंझुनू । मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि वर्षों से लम्बित ऐतिहासिक ताजेवाला हैडवर्क्स समझौते से शेखावाटी क्षेत्र के लोगों के लिए पेयजल तथा सिंचाई के लिए पर्याप्त मात्रा में जल की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी तथा यह धरती भी सोना उगलेगी। उन्होंने आश्वस्त किया कि हमारी डबल इंजन सरकार यमुना जल समझौते पर प्रथम चरण में पेयजल हेतु डीपीआर 4 माह में बनाने के साथ ही अपने इसी कार्यकाल में शेखावाटी में पानी पहुंचाने का काम करेगी।


शर्मा ने शनिवार को शेखावाटी क्षेत्र के नीम का थाना तथा झुन्झुनू में आयोजित यमुना जल समझौता धन्यवाद सभा को संबोधित किया। ताजेवाला हैडवर्क्स से संबंधित ऐतिहासिक एमओयू करने के बाद मुख्यमंत्री खेतड़ी नगर, नवलगढ़ तथा श्रीमाधोपुर पहुंचे। वहां पर लोगों ने उनका भव्य स्वागत किया तथा उन्हें जगह-जगह मालाएं पहनाकर आभार प्रकट किया।
तीन दशक पुरानी मांग हुई पूरी
मुख्यमंत्री ने बताया कि यमुना जल बंटवारा समझौता वर्ष 1994 से लंबित था, पूर्ववर्ती सरकार द्वारा इस पर केवल राजनीति की गई, शेखावाटी अंचल की पेयजल की गंभीर समस्या पर कभी ध्यान ही नहीं दिया गया। उन्होंने बताया कि हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस दर्द को समझा और शेखावटी क्षेत्र की तीन दशक पुरानी पेयजल समस्या का समाधान करने के लिए केन्द्र सरकार, हरियाणा सरकार और राजस्थान सरकार ने ऐतिहासिक यमुना जल समझौता किया। शेखावाटी की जनता के लिए यह समझौता वरदान साबित होगा। उन्होंने आश्वस्त किया कि यमुना जल समझौते में राजस्थान के लिए 1994 में जिस मात्रा में पानी मिलने का वायदा किया था वो पूरा पानी प्रदेश की जनता को मिलेगा। उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट के माध्यम से 3 पाइपलाइन के माध्यम से यमुना नदी का पानी राज्य के 4 जिलों सीकर, चुरु, झुन्झुनूं तथा नीमकाथाना को उपलब्ध हो सकेगा। इसके तहत ताजेवाला हैड पर मानूसन के दौरान राजस्थान को अपने हिस्से का 577 एमसीएम (मिलियन क्यूबिक मीटर) जल प्राप्त होगा।

प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व में देश में हो रहा चहुंमुखी विकास
शर्मा ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. चौधरी चरण सिंह एवं स्व. अटल बिहारी वाजपेयी ने जीवनपर्यन्त किसानों के सम्मान के लिए काम किया तथा उन्हीं से प्रेरणा लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी किसानों के कल्याण के लिए नित नए निर्णय ले रहे हैं।

राज्य सरकार ने प्रदेश में पेयजल और सिंचाई के लिए दी सौगातें
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पेयजल और सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध करवाने के लिए राज्य सरकार प्राथमिकता के साथ कार्य कर रही है। इसी दिशा में हमारी सरकार ने गठन होने के 2 माह के भीतर ही दो बड़े ऐतिहासिक अहम समझौते हुए हैं। यमुना जल का समझौता होने से शेखावटी क्षेत्र के लोगों की तीन दशक पुरानी मांग पूरी हुई है। साथ ही, केन्द्र सरकार, मध्यप्रदेश और राजस्थान की सरकार के मध्य हुए एकीकृत ईआरसीपी के मूर्त रूप लेने से पूर्वी राजस्थान में पेयजल एवं सिंचाई के लिए भरपूर जल उपलब्ध हो सकेगा।

इस अवसर पर जल संसाधन मंत्री सुरेश रावत, नगरीय विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) झाबर सिंह खर्रा, सांसद नरेन्द्र खीचड़, सुमेधानन्द सरस्वती, विधायक धर्मपाल गुर्जर, विक्रम सिंह जाखल, सुभाष मिल, गोवर्धन वर्मा सहित जनप्रतिनिधिगण, अधिकारीगण एवं बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित रहे।

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