जयपुर। प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ अलवर के पूर्व सांसद और विधायक रह चुके डॉक्टर करण सिंह यादव को इस बार भी उम्मीद थी कि कांग्रेस पार्टी लोकसभा चुनाव लड़ाएगी , लेकिन एक बार पूर्व में लोकसभा चुनाव हार चुके करण सिंह पर कांग्रेस पार्टी ने भरोसा नहीं किया। लगातार दो चुनाव हार चुके करण सिंह यादव के स्थान पर कांग्रेस पार्टी ने मौजूदा विधायक ललित यादव जो युवा चेहरा भी है उन्हें टिकट देकर चुनाव मैदान उतारा है । यादव को यहां से टिकट दे दिया उसके बाद से ही लगातार करण सिंह यादव कांग्रेस पार्टी के खिलाफ बयान बाजी कर रहे थे ।आखिरकार उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया ,अब शनिवार को डॉक्टर करण सिंह यादव भाजपा में शामिल होंगे ।उन्होंने एक दिन पहले ही कहा था कि भारतीय जनता पार्टी ने अलवर से राज्यसभा सदस्य और केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव को टिकट दिया है،, वहीं चुनाव जीतेंगे। कांग्रेस पार्टी ने कार्यकर्ताओं की उपेक्षा की है और कार्यकर्ताओं में नाराजगी है। वह कांग्रेस की कथनी और करनी से परेशान होकर भाजपा में शामिल हो रहे हैं । हालांकि यह बात दूसरी है कि डॉक्टर करण सिंह यादव ने पूरी जिंदगी हृदय रोग विशेषज्ञ के तौर पर अपनी सेवाएं दी और कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए। कांग्रेस पार्टी ने पहले उन्हें विधायक बनाया ।फिर सांसद बनाया फिर 26 सूत्रीय कार्यक्रम का अध्यक्ष बनाकर कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया । कांग्रेस पार्टी में रहकर हुए कई उच्च पदों पर रहे। लेकिन लोकसभा चुनाव लड़ने के बाद पार्टी ने उन्हें फिर दोबारा से विधानसभा चुनाव के दौरान टिकट दिया ।लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। अब तक तीन चुनाव हार चुके करण सिंह यादव को इस बार कांग्रेस पार्टी ने टिकट नहीं देकर युवा नेता ललित यादव को टिकट दिया तो करण सिंह यादव ने पार्टी छोड़ दी ।आखिर जब जनता ही करण सिंह यादव को चुनाव नहीं जीता रही तो इस बार भी फिर से लोकसभा चुनाव का टिकट देकर कांग्रेस पार्टी क्यों रिस्क उठाती । लेकिन करण सिंह यादव को इस बार टिकट नहीं देने के कारण हजारों कमियां नजर आ रही है कांग्रेस पार्टी में हजारों में नजर आ रही है और उन्हें अब भाजपा पसंद आ रही है ।जबकि अगले चुनाव तक तो उनकी उम्र भी इस लाइक नहीं रहेगी कोई भी पार्टी उन्हें टिकट देगी। लेकिन कहा जाता है ना की राजनीति में लोक नेताओं के लिए उम्र कोई मायने नहीं रखती उनकी भूख का भी कोई अंत नहीं होता यही कारण है कि नेता अंतिम पड़ाव पर भी राजनीतिक दल छोड़ छोड़ कर भाग रहे हैं।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published.