चर्मकला बोर्ड के गठन की भी करेंगे मांग राजनीतिक भागीदारी का रखेंगे प्रस्ताव बॉर्डर आयोगों में प्रतिनिधित्व का रखेंगे प्रस्ताव की रखेंगे मांग

जयपुरअखिल भारतीय रैगर महासभा के तत्वावधान में 9 अक्टूबर को जयपुर में 7वां राष्ट्रीय रैगर महासम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। इसमें राजस्थान, दिल्ली, मध्यप्रदेश, पंजाब, हरियाणा, गुजरात, महाराष्ट्र सहित देशभर से लाखों समाज बंधु शिरकत कर एकजुटता का परिचय देकर समाज सुधार, सामाजिक कुरीतियों को दूर करने और सभी पार्टियों में राजनीतिक भागीदारी बढ़ाने पर मंथन करेंगे एवं वर्तमान सरकार से निवेदन किया जायेगा कि रैगर समाज के किसी कर्मठ, पढे लिखे लोगो को राज्यसभा, राजस्थान लोक सेवा आयोग में सदस्य तथा निगमो, बोर्ड, राजकीय उपक्रमो में अध्यक्ष/उपाध्यक्ष पदो पर राजनीतिक नियुक्ति देने हेतु आग्रह करेंगे। चर्मकला बोर्ड का गठन करने एवं लेदर निर्मित जूते, चप्पल, बेल्ट, बेग व अन्य वस्तुओं को बेचने हेतु किसी चिन्हित जगह पर हाट बाजार हेतु जमीन आंवटन कराने आदि हेतु प्रतिवेदन मुख्यमंत्री को दिया जायेगा।

अखिल भारतीय रैगर महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. एस. के. मोहनपुरिया ने गुरूवार को पत्रकारों को बताया कि 9 अक्टूबर को प्रातः 11 बजे विद्याधर नगर स्टेडियम, जयपुर में होने वाले 7वें राष्ट्रीय महासम्मेलन मे मुख्य अतिथि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत होंगे। अति विशिष्ट अतिथि के रूप में कृषि मंत्री लालचन्द कटारिया, खाद्य मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास, उद्योग मंत्री शकुंतला रावत, उपमुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी, विधायक गंगादेवी, मुध्यप्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव जयनारायण कांसोटिया, रैगर समाज के भामाशाह बी.एल. नवल (न्यूयार्क) और नवल प्रकाश जाजोरिया होंगे। इसके अलावा विशिष्ट अतिथि दिल्ली के पूर्व मंत्री सुरेन्द्रपाल रातावाल, पूर्व महापौर योगेन्द्र चांदोलिया, राजस्थान के पूर्व विधायक बाबूलाल सिंघाडिया, रामचन्द्र सुनारीवाल, दिल्ली के समाजसेवी मदनलाल खोरवाल, आई.पी.एस. जयनारायण शेर, आई.ए.एस. टीकमचन्द बोहरा, आई.ए.एस. हरजीलाल अटल, मेडिकल कॉलेज सीकर के प्राचार्य डॉ. के.के. वर्मा और मुबई के याकूब भाई होंगे।

राष्ट्रीय संयोजक दयानन्द कुलदीप ने बताया कार्यक्रम की अध्यक्षता महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. एस.के. मोहनपुरिया करेंगे। महासम्मेलन में समाज सुधार, विकास और आर्थिक उत्थान के लिए 11 प्रस्ताव पारित कर इन्हें शीघ्र क्रियान्वयति कराने का निर्णय लिया जाएगा। इन प्रस्तावों में प्रोफेशनल/तकनीकी/रोजगारोन्मुखी शिक्षा को बढावा देने, सवामणी, मकान के मुहूर्त, गृह प्रवेश, जन्मदिन व सेवानिवृति समारोह में पहरावणी नही देने, सगाई/रोके/टीका कार्यक्रम में मात्र लड़के व उसके माता-पिता को ही कपड़े देने, मुकालावा प्रथा बन्द करने, मृत्युभोज बन्द करने, मृतक व्यक्ति पर रिशतेदारो के कपड़े भेट न करके नारियल व पुष्प चढाने, शादी, सगाई, जामणा, मायरा समारोह के दौरान चौपाल पर बैठकर शराब व अन्य मादक पदार्थों का उपयोग नहीं करने, शादी व अन्य कार्यक्रम दिन में ही करने, पाखंडवाद, अंधविश्वास, कूपमंडुकता व चमत्कारों पर विश्वास नहीं करने, समाज के व्यक्ति अपने नाम के आगे • गौत्र व जाति रैगर का ही प्रयोग करने और शिक्षा को बढावा देने के लिए छात्रावासों एवं मूल पुस्तकालयों का अधिक से अधिक निर्माण कराने के प्रस्ताव शामिल है।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published.