जयपुर। राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी में कहीं मुख्यमंत्री पद के दावेदारों के बीच में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का जलवा आज भी बरकरार है। भले ही पार्टी में केंद्रीय नेतृत्व उनके खिलाफ माहौल बनाने की कोशिश करता हो लेकिन वसुंधरा राजे राजस्थान में भाजपा में आज भी सबसे ज्यादा पॉपुलर नेताओं में से एक है । देव दर्शन यात्रा के दौरान वसुंधरा राजे को जिस तरह से बीकानेर और आसपास जनसमर्थन मिला उससे उत्साहित और गदगद है। राजे ने कहा कि गहलोत सरकार के पास 350 दिन बचे हैं भाजपा को 2003 में 120 और 2013 में 163 सीटें मिली थी अब हम सब मिलकर इस आंकड़े को भी पार करेंगे। लेकिन इसके लिए सब को एकजुट होकर मेहनत करनी पड़ेगी उन्होंने गहलोत सरकार पर झूठे वादे करने का आरोप लगाते हुए कहा कि मैं 10 दिन में कर्ज माफ हुए बिजली के बिल माफ हुए राजस्थान में कांग्रेस राज नहीं नाराज है उन्होंने कहा कि जनता के लिए कांग्रेस राज में अपराध बढ़ गए हैं महिला और दलित अत्याचारों में लगातार इजाफा हो रहा है लेकिन फिर भी हमें दुश्मनों को कमजोर नहीं समझना चाहिए और एकजुट होकर हम लड़ेंगे तो निश्चित तौर पर ऐतिहासिक जीत जीतेंगे।

आपको बता दें कि राजस्थान में वसुंधरा राजे का जलवा बरकरार है और वह जहां भी जा रही है, उन्हें लोगों का भरपूर सहयोग मिल रहा है । उनके कार्यक्रमों में लोगों की भीड़ उमड़ रही है। उन्होंने राजस्थान सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि एक मुख्यमंत्री पद छोड़ना नहीं चाहता और दूसरा मुख्यमंत्री बनने के लिए कुछ भी करना चाहता है ।मंत्रियों और विधायकों में भी मुख्यमंत्री बनने की होड़ मची है और अपनी सारी नाकामियों को ठीकरा मोदी सरकार पर फोड़ रहे हैं । जिसने देश में विकास के नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं, जिनकी चर्चा देश में ही नहीं दुनिया में है ।आपको बता दें की भाजपा में सतीश पूनिया, गजेंद्र सिंह शेखावत, गुलाबचंद कटारिया, अर्जुन मेघवाल राजेंद्र सिंह राठौड़ , और राज्य राज्यवर्धन सिंह सभी मुख्यमंत्री बनने का ख्वाब देख रहे हैं। लगातार राजस्थान की राजनीति में सक्रिय नजर आते हैं । लेकिन जो जलवा पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का है ,किसी का नहीं है । सबको भीड़ बुलानी पड़ती है वही वसुंधरा राजे के लिए लोग चलकर आते हैं। ऐसे में माना जा सकता है कि राजस्थान में आने वाला चुनाव भाजपा में वसुंधरा राजे के नेतृत्व में लड़ा जाएगा तो भाजपा को सफलता मिलेगी। लेकिन यदि भाजपा ने इस विषय में किसी तरह का कोई फैसला नहीं किया तो उसका खामियाजा भी भुगतना पड़ सकता है। ऐसी स्थिति में पार्टी के दिशा निर्देश को नजरअंदाज करते हुए वसुंधरा राजे ने अपने दम पर ही देव दर्शन यात्रा शुरू की है और इस देव दर्शन यात्रा के माध्यम से राजस्थान की सभी जिला मुख्यालयों पर और लगभग अधिकांश विधानसभा क्षेत्रों में जाने का प्रयास करेगी । इस दौरान आने वाले मंदिर और सभी धार्मिक स्थलों के दर्शन करेंगे और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता पिछले 4 साल के दौरान दिवंगत हुए हैं उनके घर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि देंगे। वसुंधरा राजे की जात्रा सत्ता तक पहुंचाने में कारगर साबित होगी।

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