9 महीने की मासूम के सर से उठा पिता का साया

जयपुर निवास पर पसरा मातम

पत्नी और माता-पिता का रो रो कर बुरा हाल

टिब्बी । अरुणाचल प्रदेश के सिहाग जिले में शुक्रवार को सेना के हेलीकॉप्टर रुद्र के प्रवेश होने से मेजर विकास भांभू के शहीद होने की सूचना मिलते ही हनुमानगढ़ जिले के डिब्बी कस्बे में भी शोक की लहर दौड़ गई । उनके मूल गांव रामपुरा उर्फ रामसरा में उनके परिजन व ग्रामीण स्तब्ध है । शनिवार को दिन भर उनके पैतृक निवास पर ग्रामीणों और रिश्तेदारों क का आान जाना लगा रहा । विकास भांभू की शहादत पर उनके चाचा राजाराम भांभू और चचेरे भाई सुखबीर भांभू सहित परिजनों में दुख के साथ विकास के शहीद होने पर गर्व भी व्यक्त किया । परिजनों ने कहा कि विकास हमेशा उनके साथ रहा है विकास के जाने से पूरे परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट गया लेकिन देश की रक्षा में हमारे परिवार का योगदान भी है इसका हमें गर्व है मेजर विकास भांभू अपने माता पिता के साथ पिछले 10 सालों से जयपुर में निवास कर रहे हैं। उनके दादा व चाचा सहित पूरा परिवार अभी भी रामपुरा में ही रहता है। उनका जहां पुश्तैनी मकान भी है और खेती की जमीन भी है । मेजर विकास का पार्थिव शरीर रविवार को रामपुरा में आने की संभावना है । जहां उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार होगा । एसडीएम श्रेया चौधरी के अनुसार आंचल प्रदेश से मेजर विकास भाभू का पार्थिव शरीर दिल्ली अथवा जयपुर एयरवेज पहुंचेगा ,जहां से सड़क मार्ग से रामपुरा लाया जाएगा।

यादों के पिटारे से

मेजर विकास भाभूं सितंबर माह के पहले सप्ताह में बठिंडा एग्जाम देने आए थे उसी दौरान अपने परिजनों से मिलने रामपुरा भी आए थे। रामपुरा में आगमन के दौरान उन्होंने आर्मी में बड़ा अधिकारी बनाए जाने के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। वह अपनी मेहनत और लगन से उच्च पद प्राप्त कर परिवार और गांव का नाम रोशन करेंगे। उनके चचेरे भाई सुखबीर भांभू ने बताया कि विकास सरल स्वभाव के कठोर अनुशासन की पैरवी करते थे।

नौ माह की बेटी के सिर से उठा पिता का साया

विकास भांभू के शहीद होने से उनकी नो माह की बेटी के सिर से पिता साया उठ गया। उनकी पत्नी वीरांगना हो गई। उनके पिता भागीरथ भांभू सीकर में बैंक की नौकरी करते थे। विकास का जन्म जो रामपुरा उर्फ रामसरा में हुआ लेकिन उनकी सारी शिक्षा दीक्षा अपने माता पिता के पास सीकर में हुई। वे मेधावी थे वर्तमान बठिंडा लद्दाख में तैनात रहे उनके 9 महीने पहले ही बेटी का जन्म हुआ उनकी पत्नी श्रेया चौधरी ग्रहणी है। पढ़ाई के दौरान कॉलेज में टॉपर रही है। विकास की दो बहनें रवीना बिजारणिया और रेखा है। मेजर विकास भांभू का ननिहाल जाखडावाली में है यहां के पूर्व सरपंच मंतूराम गोदारा उनके नाना है। उनकी ससुराल श्रीगंगानगर जिले के मदेरा गांव में है। तीनों परिवारों में विकास के शहीद होने के बाद से त्यौहांर की खुशियों पर ग्रहण लग गया। यहां मातम पसर गया। सबको उनके शहीद होने पर दुख है लेकिन खुशी इस बात कि है उनका लाल उनका बेटा देश के लिए शहीह हो गया।

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