कांग्रेस मुक्त भारत का सपना होगा पूरा?

कई पार्टियों की मां है कांग्रेस

कांग्रेस मुक्त का सपना नहीं होगा

भारतीय जनता पार्टी के नेता और देश के प्रधानमंत्री पीएम मोदी ने कांग्रेस मुक्त भारत का सपना देखा है और लगातार भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस मुक्त भारत करने में जुटी हुई है । पहले जहां पूरे देश में कांग्रेस पार्टी का राज होता था। अब मात्र 3 प्रदेशों में कांग्रेस पार्टी की खुद के दम पर सरकार है। राजस्थान, छत्तीसगढ़ और हिमाचल प्रदेश में ही कांग्रेस पार्टी की पूर्ण बहुमत से सरकार है । अन्य 3 प्रदेशों में कांग्रेस के सहयोग से से सरकार है शेष अन्य राज्यों में भाजपा जब भाजपा के सहयोग से सरकारी काम कर रही है। लेकिन भाजपा केवल लगातार बढ़ते जनाधार को देखते हुए अब जनता में इस बात का जिक्र होने लगा है कि क्या कांग्रेस पार्टी सीमट रही है। राजस्थान छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार आई थी जिसमें मध्यप्रदेश में जोड़-तोड़ कर भाजपा ने फिर सरकार बना ली उसके बाद से लगातार हुए चुनाव में कांग्रेस पार्टी को हार मिलती रही हाल ही में हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की पूर्ण बहुमत से सरकार बनने से कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं में और कांग्रेस पार्टी के नेताओं में जोश का संचार हुआ है कांग्रेस पार्टी के नेताओं का कहना है कि हिंदुस्तान के डीएनए में कांग्रेस है यहां अधिकांश लोग कांग्रेस पार्टी की विचारधारा से ही निकले हुए हैं आज देश में दर्जनों राजनीतिक पार्टियां ऐसी है जो कांग्रेस में से टूट कर निकली है यहां तक कि भाजपा के भी 40 फीसदी नेता कभी न कभी कांग्रेस पार्टी से जुड़े रहे हैं। ऐसे में यह कहना कि हिंदुस्तान कांग्रेस मुक्त हो जाएगा यह संभव नहीं लगता है अभी जब 2 राज्यों के चुनाव हुए तो एक राज्य में कांग्रेस पार्टी की सरकार आ गई और गुजरात में भारतीय जनता पार्टी सरकार आ गई दिल्ली एमसीडी के चुनाव में आप ने 15 साल से राज कर रही भाजपा को सत्ता से दूर कर दिया।

अधिकांश पार्टियां कांग्रेस में से निकली

राजनीतिक दलों से जुड़े हुए लोगों और कांग्रेस नेताओं का कहना है कि देश में आजादी से पहले से ही एकमात्र कांग्रेस पार्टी थी । उस समय भी कुछ लोग कांग्रेस के विरोध में थे आज भी हैं । लेकिन कभी कांग्रेस पार्टी ने विपक्ष को कमजोर करने की नहीं सोची, ना ही विपक्ष को कभी समाप्त करने की। लेकिन अब भारतीय जनता पार्टी के नेता इस देश को विपक्ष मुक्त करना चाहते हैं। यह लोकतंत्र के खिलाफ है। क्योंकि लोकतंत्र में पक्ष और विपक्ष होना जरूरी है। पक्ष विपक्ष के तालमेल से ही सरकारें चलती है और विकास कार्य होता है। लेकिन अब भाजपा विपक्ष को देखना ही नहीं चाहता ,जो भी भाजपा के खिलाफ आवाज उठाता है। सरकार उसे कुचलने की कोशिश करता है । यही कारण है कि कुछ समय से माहौल ऐसा हो गया कि केंद्र सरकार के खिलाफ आवाज उठाना, राष्ट्र के खिलाफ आवाज उठाना है । लेकिन यह सरासर गलत है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि देश में एक पार्टी सिस्टम हमेशा खतरनाक होता है ,इसीलिए कांग्रेस ने हमेशा दूसरी पार्टियों को बढ़ने दिया।

आधे भारत पर कांग्रेस से टूटी हुई पार्टियों या कांग्रेस से जुड़ी हुई पार्टियों की सरकार

अधिकांश पार्टियां कांग्रेस में से ही टूटकर बनी है। कांग्रेस छोड़कर ही नेताओं ने दूसरी पार्टियों का गठन किया है ।पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस ममता बनर्जी कांग्रेस पार्टी की सांसद रही, विधायक रही, राष्ट्रीय स्तर के नेता रही। जब उनकी नहीं बनी, तब उन्होंने अपनी पार्टी का गठन कर लिया। महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शरद पवार कांग्रेस पार्टी के सबसे बड़े महाराष्ट्र के नेता रहे। लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे। लेकिन जब उनकी कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय स्तर के नेताओं ने नहीं सुनी तो उन्होंने महाराष्ट्र में एनसीपी का गठन कर लिया। पी ए संगमा ने कांग्रेस छोड़ी और अपनी अलग पार्टी बनाई ।आज पूर्वांचल में पी ए संगमा की पार्टी से सांसद भी है और सत्ता में भागीदारी भी है। इसी तरह से असम में मौजूदा मुख्यमंत्री शरमा कांग्रेस पार्टी छोड़ कर गए और भाजपा से मिलकर सरकार बना ली । अब भाजपा के मुख्यमंत्री है । गोवा में कांग्रेस पार्टी छोड़कर भाजपा में मिले ,पहले भाजपा की सरकार बनाई और अब भाजपा से चुनाव लड़ कर सरकार चला रहे हैं । आंध्र प्रदेश में मौजूदा सरकार में मुख्यमंत्री वाईएसआर रेड्डी के बेटे ने सत्ता संभाली ,क्योंकि कांग्रेस पार्टी ने वाईएसआर रेड्डी के बेटे और उनकी पत्नी को मुख्यमंत्री घोषित नहीं किया। ऐसे में पूरी पार्टी टूट गई और वाईएसआर रेड्डी के बेटे ने नई पार्टी का गठन किया और आज पूर्ण बहुमत से आंध्र प्रदेश में सरकार है। तेलंगाना में भी मौजूदा मुख्यमंत्री कांग्रेस के सहयोग से ही सत्ता में है ।बिहार में मौजूदा जनता दल की सरकार कांग्रेस के सहयोग से ही सरकार में हैं । पंजाब में अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस छोड़कर कांग्रेस पार्टी बनाई ।अब भाजपा में शामिल हो गए। हरियाणा में कुलदीप बिश्नोई सहित कई नेताओं ने कांग्रेस पार्टी छोड़ी , अपनी पार्टियों गठन किया। अब भाजपा में है इस तरह से देश भर में बहुत सी राजनीतिक पार्टियां हैं, जो शुरुआती दौर में कांग्रेस में रही या कांग्रेस से नेता जुड़े रहे ।जब कांग्रेस पार्टी से नहीं बनी तो अपनी अपनी राजनीतिक पार्टियां खड़ी की। ऐसे में कांग्रेस नेताओं का कहना है कि भले ही भाजपा नेता , कांग्रेस मुक्त देश की बात करते हो, लेकिन आज भी पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश ,मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार, गोवा, समेत कई प्रदेशों में कांग्रेस या कांग्रेस में से निकले हुए लोग ही सरकार चला रहे हैं। दिल्ली ,पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है। झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस पार्टी की साझा सरकार है। तेलंगाना में कांग्रेस तेलंगाना और कांग्रेस पार्टी की सरकार है। ऐसे में कहा जा सकता है कि आज भी आधे से ज्यादा हिंदुस्तान में कांग्रेस या कांग्रेस से निकले हुए नेताओं उनकी पार्टी या उनसे टूटकर बने नई पार्टी की सरकारें हैं ऐसे में आप कांग्रेस मुक्त भारत की बात नहीं कर सकते ।क्योंकि अधिकांश सरकारें कांग्रेस युक्त ही हैं। यहां तक की केंद्र में बैठी दिल्ली सरकार भी कांग्रेस मुक्त नहीं हो सकी। वहां भी कई मंत्री कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे हुए हैं और जो आज सरकार में भागीदारी निभा रहे हैं । ऐसे में भाजपा का कांग्रेस मुक्त भारत का अभियान कहीं सक्सेज होता नजर नहीं आ रहा।

केंद्रीय मंत्रिमंडल भी कांग्रेस मुक्त नहीं हो सका

भाजपा नेता कांग्रेस मुक्त भारत की बात करते हैं लेकिन केंद्रीय मंत्रिमंडल की बात करें तो यहां करीब एक दर्जन नेता कांग्रेस पार्टी से ही निकले हुए हैं ।जो केंद्र सरकार की बागडोर संभाले हुए हैं। उनमें निर्मला सीतारमण, ,ज्योतिरादित्य सिंधिया ,जितिन प्रसाद शर्मा ,वीरेंद्र चौधरी सहित बहुत सारे नेता ऐसे हैं जो सरकार मैं महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभाल रहे हैं। आज यह सब लोग भारतीय जनता पार्टी का हिस्सा हो गए हो। भारतीय जनता पार्टी की सत्ता का सुख भोग रहे हो। लेकिन ऐसे बहुत सारे नेता हैं जो आज भी वैचारिक रूप से कांग्रेसी है ,या कांग्रेसी विचारधारा से निकलकर ही गए हुए हैं । इनके अलावा भाजपा की कई सहयोगी पार्टियां उनके नेता भी कभी न कभी कांग्रेस विचारधारा से प्रभावित जरूर रहे हैं। ऐसे में देश को कांग्रेस मुक्त करने की बात सोचना या कहना भी हास्यास्पद लगता है ! लेकिन फिर भी भाजपा के कुछ नेताओं को लगता है कि वह इस देश को कांग्रेस मुक्त कर रहे हैं ,तो यह अपने आपको झूठी दिलासा देना या वहम पालने जैसा ही है।

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