जयपुर।पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा है कि मुख्यमंत्री आरएसएस और भाजपा को कोसने से बाज़ आए।प्रदेश में दंगे आरएसएस और भाजपा नहीं अशोक गहलोत की तुष्टिकरण नीति करवाती है।जितनी भी साम्प्रदायिक घटनायें हुई है,उनके पीछे कांग्रेस की वोटों की राजनीति है।पर्दे के पीछे रह कर आग लगाने का काम कांग्रेस का है।संघ और भाजपा तो कांग्रेस की लगाई हुई आग को बुझाती है।आये दिन संघ के ख़िलाफ़ एक ही राग अलापने वाले गहलोत शायद भूल गये कि देश की आजादी के समय जब पाकिस्तानी सेना ने कश्मीर सीमा लांघने की कोशिश की,तो सैनिकों के साथ संघ के स्वयंसेवकों ने मातृभूमि की रक्षा करते हुए प्राण दिए थे।
राजे ने कहा कि मुख्यमंत्री बार-बार हिंदुत्व को ललकारने की गलती नही करें।क्योंकि हिंदुत्व कोई एजेंडा नहीं,36 की 36 कोमों और सब धर्मों का आदर करने वाली संस्कृति है।जिसके प्रवाह को न वो रोक सकते न उनकी कांग्रेस।उन्होंने कहा कि जिस संघ को लेकर उनकी नींद उड़ी हुई है,उसके स्वयं सेवक 1962 के युद्ध में सेना की मदद के लिए सीमा पर पहुंचे थे।फलस्वरूप पंडित जवाहर लाल नेहरू ने 1963 की गणतंत्र दिवस परेड में संघ को शामिल किया था।सीएम को पता होना चाहिए कश्मीर विलय के समय जब पाकिस्तानी सेना भेष बदल कर हमारी सीमा में घुस रही थी तब सरदार पटेल तथा 1965 में पाकिस्तान से युद्ध के समय लालबहादुर शास्त्री ने संघ से मदद माँगी थी और संघ ने जान हथेली पर रख कर सहयोग किया था।वह कोई और नहीं संघ ही था,जिसने दादरा,नगर हवेली और गोवा को पुर्तगालियों के कब्जे से मुक्त करा कर वहाँ भारत का झंडा फहराया था।