जयपुर। झालाना डूंगरी स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पिछले 3 महीने से स्वास्थ्य सेवाएं गड़बड़ा गई है। दर्शअसल यहां विजय 3 महीने से डॉक्टर की नियुक्ति नहीं होने से हजारों लोगों को इलाज के लिए परेशान होना पड़ रहा है । झालाना डूंगरी में करीब 15- 20000 की आबादी है और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर रोजाना 300- 400 की ओपीडी रहती है। पूर्व में यहां पर डॉक्टर और महिलाओं के लिए अलग से डॉक्टर की नियुक्ति की गई थी, जिससे लोग आराम से डॉक्टर को दिखा देते थे । लेकिन अब पिछले 3 महीने से डॉक्टर की स्थाई नियुक्ति नहीं होने से झालाना डूंगरी के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है । रोजाना बीमार और उनके परिजन डिस्पेंसरी पहुंचते हैं, पर्ची कटवाते हैं, घंटे लाइन में लगते हैं ,बाद में पता लगता डॉक्टर नहीं है और खाली हाथ लौट जाते हैं।
ऐसा लंबे समय चल रहा हैं, स्थानीय लोगों ने इसकी शिकायत स्थानीय पार्षद को भी की है और स्थानीय विधायक को भी की है। स्थानीय विधायक कालीचरण सराफ ने पूर्व में भी यहां पर डॉक्टरों की व्यवस्था करवाई थी । लेकिन इस समय जब उनकी पार्टी की सरकार है तो वह बेबस नजर आ रहे हैं ।स्थानीय लोगों का कहना है कि झालाना डूंगरी में गरीब,निम्न मध्यम वर्गीय लोग रहते हैं ।अधिकांश गरीब तबके के लोग हैं । मजदूरी पेशा लोग हैं जो लोग बीमार होने पर सीधे डिस्पेंसरी ही आते हैं ।इलाके में कोई अच्छे डॉक्टर भी नहीं है ।यदि निजी अस्पताल में जाते हैं तो एक बार दिखाने में ही 500 से 1000 रुपए का खर्च आता है ।जो लोग अफोर्ड नहीं कर पाते ,इसलिए अधिकांश लोगों की पहली प्राथमिकता सरकारी चिकित्सालय में ही दिखाने की होती है ।लेकिन यहां डॉक्टर नहीं मिलने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बीजेपी और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का कहना है कि सरकार शीघ्र डॉक्टर लगाना चाहिए ।जिससे मरीजों का इलाज हो सके नहीं तो फिर स्थानीय लोग आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
आपको बता दें की डिस्पेंसरी में वर्तमान में कोई भी स्थाई डॉक्टर कार्यरत नहीं है ऐसे में यहां पर सिर्फ इंटर्नशिप करने वाले स्टूडेंट आते हैं जिनके भरोसे ही इतनी बड़ी डिस्पेंसरी चल रही है। स्थानीय नागरिक दिनेश खंडेलवाल क्या कहना है कि वह स्थानीय विधायक और पूर्व मंत्री कालीन शराब को भी कई ज्ञापन दे चुके हैं चिकित्सा मंत्री और मुख्यमंत्री के नाम पर विज्ञापन सो चुके हैं लेकिन अभी तक याराना डूंगरी में डॉक्टर नहीं लगाया गया है ऐसे में अब मजबूरी में स्थानीय लोग आंदोलन करने को मजबूर है।