नई दिल्ली ।लोकसभा चुनाव से पूर्व केंद्र की मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून का 2019 का नोटिफिकेशन चालू कर दिया है। इससे पहले कहा गया था कि पीएम नरेंद्र मोदी इसका खुद ऐलान करेंगे लेकिन बाद में यह खबर गलत साबित हुई । मोदी सरकार ने CAA का नोटिफिकेशन जारी कर दिया । केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने पहले ही कहा था कि नागरिकता संशोधन कानून 2019 को लोकसभा चुनावों से पूर्व लागू किया जाएगा। नागरिकता संशोधन कानून के तहत मुस्लिम समुदाय को छोड़कर हिंदू ,बौद्ध, सिख ,इसाई, जैन, फारसी शरणार्थियों को नागरिकता दी जाएगी। इसमें पाकिस्तान, बांग्लादेश ,अफगानिस्तान से आने वाले लोगों को प्राथमिकता रहेगी ।पूर्व में इसके लिए 11 साल भारत में रहना अनिवार्य था ,जिसे घटाकर 5 साल कर दिया गया है। CAA लागू होने से भारत में वर्षों से रह रहे शरणार्थियों को लाभ मिलेगा, उन्हें भारत की नागरिकता मिलेगी। पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आने वाले गैर मुस्लिम अल्पसंख्यकों को इस पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन करना होगा और सरकारी जांच पड़ताल के बाद उन्हें कानून के तहत नागरिकता दी जाएगी ।
इसके लिए बांग्लादेश पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आने वाले विस्थापित अल्पसंख्यकों को कोई दस्तावेज देने की जरूरत नहीं होगी। 2019 में सरकार ने इसमें संशोधन किया था । इसमें 31 दिसंबर 2014 से पहले आने वाले 6 अल्पसंख्यकों हिंदू,ईसाई, सिख, जैन ,बौद्ध और पारसी को भारत की नागरिकता देने का प्रस्ताव प्रावधान रखा गया था ।नियमों के मुताबिक नागरिकता देने का अधिकार केंद्र सरकार के हाथों में ही होगा । सबसे खास बात है की सरकार ने पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन बनाई है । इसके लिए ऑनलाइन पोर्टल भी तैयार किया गया है। आवेदक अपने मोबाइल फोन से भी अप्लाई कर सकता है ।आवेदकों को वह साल बताना होगा ,जब उन्होंने दस्तावेजों के बिना भारत में प्रवेश किया था । आवेदक से कोई दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा ।नागरिकता से जुड़े जितने भी ऐसे मामले पेंडिंग है ,वह सब ऑनलाइन कन्वर्ट किए जाएंगे। पत्र विस्थापितों को सिर्फ पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा उसके बाद गृह मंत्रालय जांच करेगा और नागरिकता जारी कर देगा। इससे किसी का भी अहित होने की संभावना नहीं है लेकिन कुछ लोग इसको लेकर भरम फैला रहे हैं और विरोध कर रहे हैं। जबकि गृहमंत्री अमित शाह और पीएम नरेंद्र मोदी का कहना है कि यह कानून किसी की नागरिकता छिनने का नहीं है बल्कि उन लाखों गैर मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता देने का है जो वर्षों से भारत में रह रहे हैं लेकिन उन्हें आज तक नागरिकता नहीं मिली है।