जयपुर । दी राजलक्ष्मी महिला अर्बन को ऑपरेटिव बैंक की तत्कालीन अध्यक्ष फिरोजा बानो द्वारा बैंक की अध्यक्ष रहते हुए वित्तीय अनियमितताएं तथा फर्जी पट्टों पर ऋण देने, बिना संपत्ति, बिना दस्तावेजों के दोषी ऋणियों से आपराधिक साठगांठ कर 4 करोड़ 40 लाख रुपए का गबन कराने का मामला लंबित चल रहा है । आरबीआई की संविधानिक निरीक्षण रिपोर्ट 2012, 2015 और 2016 में राज्य सरकार की अधिनियम अंतर्गत की गई जांच में आरोपी फ़िरोजाबानो व अन्य 64 को 4 करोड़ 40 लाख के गबन का प्रमाणित दोषी पाए जाने पर भी राज्य सरकार, न्यायालय के उपरजिस्ट्रार, न्यायालय ,के आदेश 19 अगस्त 2018 में पुलिस महानिदेशक के आदेश पर माणक चौक, जयपुर में प्रथम सूचना रिपोर्ट 365/ 2018- 28 दिसंबर 2018 को दर्ज कराई गई थी। जिसमे आज तक पुलिस अनुसंधान कर रही है । पुलिस को बैंक के अशिकारियों ने अपने स्तर पर दस्तावेजों के अलावा जयपुर विकास प्राधिकरण ,हाउसिंग बोर्ड संबंधित ,सोसाइटी आदि से दस्तावेज भी पुलिस को दिए गए । विभाग ने अपने स्तर पर सभी दस्तावेजों अभियुक्तों द्वारा फर्जीवाड़ा किया गया था जिससे अपराध साबित होता है वह समस्त दस्तावेज उपलब्ध कराए जाने के बाद भी अनुसंधान करने में पुलिस का रवैया ही ढीला ही नजर आ रहा है। आज तक आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया है। इसको लेकर कई बार बैंक के तत्कालीन सीईओ इकबाल खान मुख्यमंत्री सहकारिता मंत्री ,पुलिस महानिदेशक, पुलिस कमिश्नर जयपुर, अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर सहित समस्त अधिकारियों को ज्ञापन दे चुके हैं। बैंक के सीईओ मोहम्मद इकबाल खान का कहना है कि 4 करोड़ 40 लाख का गबन करने वाले सभी 64 आरोपियों को गिरफ्तार करने से बैंक की रकम वसूल हो सकती है । तमाम पैसा गरीबों की मेहनत का है, यदि यह पैसा बैंक में होता है और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई होती है तो भविष्य में कोई फर्जीवाड़ा नहीं कर सकेगा।

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