जयपुर। पूर्व उपमुख्यमंत्री कमला बेनीवाल के बेटे पूर्व विधायक आलोक बेनीवाल के पास अब बीजेपी में शामिल होने के अलावा कोई विकल्प ही नहीं बचा है ।कारण साफ है उन पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का समर्थक होने की मोहर लगी हुई है और अब पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की कांग्रेस पार्टी में चलनी नहीं है ।जब तक अशोक गहलोत की पार्टी में चली तब तक उन्होंने आलोक बेनीवाल को कांग्रेस का शाहपुरा से टिकट भी दिलाया। लेकिन हर बार उनकी हार हुई ।पिछले चुनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी ने उनका टिकट काटकर मनीष यादव को दिया मनीष यादव हारे लेकिन निर्दलीय लड़कर आलोक बेनीवाल विधानसभा में पहुंचे और पूरे 5 साल गहलोत सरकार का समर्थन किया लेकिन जब टिकट देने की बारी आई तो सचिन पायलट ने मनीष यादव को टिकट दिला दिया और आलोक बेनीवाल चुनाव लड़कर बुरी तरह हर यहां पर मनीष यादव ने रिकार्ड मतों से चुनाव में जीत दर्ज बीजेपी के उम्मीदवार की तो जमानत ही जप्त हो गई। वही बात आलोक बेनीवाल की तो आलोक बेनीवाल को अगली बार भी विधानसभा का टिकट नहीं मिलना है क्योंकि मनीष यादव ने रिकॉर्ड बट मैं तुमसे चुनाव में जीत दर्ज की है यदि वह बीजेपी में शामिल होते तो हो सकता होने पार्टी टिकट दे दे आलोक बेनीवाल भली भाती जानते हैं कि अब आने वाला समय कांग्रेस पार्टी में सचिन पायलट का है और सचिन पायलट के रहते हुए उन्हें कांग्रेस पार्टी का टिकट नहीं मिलेगा इसलिए उनका भारतीय जनता पार्टी में जाना ही फायदेमंद रहेगा। क्योंकि हाल ही विधानसभा चुनाव में भी वह निर्णय चुनाव लड़कर दूसरे स्थान पर रहे हैं जबकि भारतीय जनता पार्टी का प्रत्याशी तीसरे नंबर पर रहा है ऐसे में आलोक बेनीवाल को अपना भविष्य बीजेपी में नजर आ रहा है और वह इन चुनाव में बीजेपी में शामिल होकर भारतीय जनता पार्टी को लाभ पहुंचा सकते हैं और आने वाला खुद का भविष्य भी सुरक्षित कर सकते हैं। आलोक बेनीवाल जाट समाज से आते हैं और शाहपुरा में जाट समाज की भी भूमिका है ऐसे में यदि वह भाजपा में शामिल होते हैं तो भाजपा का मूल वोट बैंक प्लस जाट समाज एक साथ जुड़ने से सीधा-सीधा लाभ उसको भाजपा को होगा।