जयपुर। राजस्थान में मंत्रिमंडल में फेरबदल बल्लभगढ़ ओर धरियावाद होने वाले दो विधानसभा उपचुनाव के बाद ही होगा । लगातार मंत्रिमंडल में फेर बदल को लेकर चर्चाओं के बाद ये साफ हो गया कि अभी किसी तरह का बदलाव नहीं होने जा रहा है। राजस्थान में अब होने वाले दो सीटों पर उपचुनावों तक सरकार में किसी भी तरह का परिवर्तन नहीं होगा। अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत चाहेंगे कि ये बदलाव धरियावद और वल्लभनगर सीट पर विधानभा उपचुनावों के बाद हो। हालांकि सचिन पायलट और समर्थकों ने मंत्रिमडंल में फेरबदल के लिए दिल्ली तक खूब दौड़ लगाई लेकिन अब सीएम के पास ये सबसे बड़ा बहाना होगा कि अभी किसी तरह का बदलाव करना घातक हो सकता है। इसलिए मंत्रिमंडल को छेड़ा नहीं जाए। दोनों सीटों पर हो रहे उप चुनावों के साथ कुछ जिलों में जिला परिषद के चुनाव भी है। इसलिए अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस विस्तार को आसानी से टाल देंगे । ऐसे में सचिन पायलट और उनके समर्थकों को अभी थोड़े दिन और इंतजार करना होगा। लेकिन ये कब होगा ये तय खुद मुख्यमंत्री ही तय करेंगे कौन शामिल होगा और कौन जाएगा इसका फैसला आलाकमान कर चुका है। हालांकि सीएम की कोशिश होगी की वे जो लोग राडार पर उन्हें बचाए। लेकिन पायलट खेमे से तीन ही लोगों को इस फेरबदल में स्थान मिलेगा। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण बसपा से आए विधायक और निर्दलीय विधायकों को भी खपाना जरुरी है। यही कारण है कि लगातार मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाएं जरुर चलती है लेकिन हो नहीं रहा। बताया जा रहा है कि इसमें जाति, क्षेत्र, वफादारी का भी क्राइटएरिए का ख्याल रखा जाएगा। पार्टी के प्रति उसकी फरफोरमेंस का भी ख्याल रखा जाएगा। साथ ही उपचुनावों में कौन पार्टी की सेवा कर रहा है और कौन पार्टी को डूबाने का काम कर रहा इस सबकी रिपोर्ट भी आलाकमान तक पहुंचाई जाएगी जिससे मंत्रिमंडल विस्तार में उनकी फरफोरमेंस देखी जा सके।

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